IX. निम्नलिखित अपठित गद्यांश को पढ़कर प्रश्नों के उत्तर लिखिए ।
जनता के पास लोकतंत्र में चुनाव ही वह अस्त्र हुआ करता है जिसके द्ववारा बह शासक दल और विरोधी हैं।
दोनों पर अंकुश और नियंत्रण लगाए रख सकती है, पर अपने इस अचूक अस्त्र के प्रयोग के लिए नाकत
व्यवस्थावाले देशों में जनता का सभी प्रकार से जागरूक तथा सावधान होना बहुत आवश्यक हुआ करता है।
सामाजिक, राजनीतिक आदि सभी पहलओं से जागरूक जनता ही चुनाव के माध्यम से देश या प्रा ।
प्रशासन में ऐसे व्यक्तियों को भेज सकती है जो वास्तव में निहित स्वार्थों से ऊपर उठकर जनसेवा के का
में रुचि रखनेवाले हों, त्याग और बलिदान की भावना से भरकर जनता और राष्ट्रहित को ही सर्वोच्च माननेवाले
हों और उनमें ऐसा सब कर सकने की शक्ति और क्षमता भी पूर्ण रूप से विद्यमान हो । इस जागरुकता और
सावधानी के अभाव में चुनावों का नाटक और लोकतंत्र खिलवाड़ बनकर रह जाया करते हैं।
1. प्रस्तुत गद्यांश के लिए उपयुक्त शीर्षक दीजिए।
2.लोकतंत्र में जनता के पास ‘चुनाव' एक अस्त्र के समान किस प्रकार है?
3.जनता का जागरुक होना क्यों आवश्यक है ?
4.जनता की असावधानी के कारण लोकतर को क्या नुकसान हो सकता है ?
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tsusiyditsidiydiditura7s
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