इयं ज्ञानिनां चैव वैज्ञानिकानां
विपश्चिज्जनानामियं संस्कृतनाम्।
बहूनां मतानां जनानां धरेयं
क्षितौ राजते भारतस्वर्णभूमिः॥
शब्दार्थ : इयम्-यह। ज्ञानिनाम्-ज्ञानियों की। विपश्चित्-यन्त्रविद्या को जानने वाले। जनानाम्-लोगों की। संस्कृतानाम्-सुसंस्कारित लोगों की। बहूनाम्-बहुत से। मतानाम्-मतों (विचारों) के मानने वालों की।
सरलार्थ : यह (भारतभूमि) ज्ञानियों की, वैज्ञानिकों की, यन्त्रविद्या को जाननेवालों की (इंजीनियरों की) और सुसंस्कृत (गुणी) जनों की भूमि है। यह धरती बहुत से मतों (विचारों-सम्प्रदायों) के लोगों की है। अतः धरती पर यह स्वर्ण जैसी भारत भूमि शोभा पाती है।
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