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संस्कृति का सामान्य अर्थ है, मानव जीवन के दैतनक आचार-व्यवहार, रहन-सहन िर्ा क्रिया-
कलाप आदद। वास्िव में संस्कृति का तनमाथण एक लंबी परम्परा के बाद होिा है। संस्कृति ववचार
व आचरण के वे तनयम और मूल्य हैंजजन्हें कोई अपने अिीि से प्राप्ि करिा है। इसललए कहा
जािा है क्रक इसे हम अिीि से अपनी ववरासि के रूप में प्राप्ि करिे हैं। दसू रे शब्दों में कहें िो
संस्कृति एक ववलशष्ट जीवन-शैली का नाम है। यह एक सामाजजक ववरासि है जो परंपरा से चली
आ रही होिी है। प्रायः सभ्यिा और संस्कृति को एक ही मान ललया जािा है, परंिुइनमें भेद हैं।
सभ्यिा में मनुष्य के जीवन का भौतिक पक्ष प्रधान हैअर्ाथि्सभ्यिा का अनुमान भौतिक सुख-
सुववधाओं से लगाया जा सकिा है। इसके ललए ववपरीि संस्कृति को आत्मा माना जा सकिा है।
इसललए इन दोनों को अलग-अलग करके नहीं देखा जा सकिा। वास्िव में दोनों एक-दसू रे के
पूरक हैं। इनका ववकास भी सार्-सार् होिा है। अंिर के वल इिना है क्रक सभ्यिा समय के बाद
बदलिी रहिी है, क्रकंिुसंस्कृति शाश्वि रहिी है।
(क) संस्कृति का क्या अर्थ है?
(ख) संस्कृति को ववरासि का स्वरूप क्यों कहा जािा है?
(ग) ‘जीवन-शैली’ में कौन सा समास है?
(घ) सभ्यिा और संस्कृति का क्या अर्थ है?
(ङ) गदयांश को उचचि शीर्थक दीजजए।
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a) Sanskriti ka saman Arth Hai Manav Jivan ke ydyaisdysyjsdluksulusl
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