J) भगवाना के पास कितने बीघा जमीन थी?
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Answer:
एक बीघा
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Explanation:
कस्बेके किसानों ने मेगा हाईवे के लिए प्रशासन द्वारा जमीन अधिग्रहण के बदले दिए जा रहे मुआवजे का विरोध करते हुए बुधवार को तहसील कार्यालय का घेराव कर प्रदर्शन किया। दो दर्जन से अधिक किसानों ने तहसीलदार वृजेश मंगल को कलेक्टर के नाम ज्ञापन देते हुए जमीन अधिग्रहण के बदले दी जा रही मुआवजा राशि को अपर्याप्त बताते हुए अधिग्रहण कार्रवाई को रोकने की मांग की है।
तहसीलदार को किसानों ने बताया कि बाजार में उनकी जमीनों का भाव 30 से 40 लाख बीघा के बीच है। जबकि सरकार से मिलने वाली मुआवजा राशि डीएलसी रेट से तीन गुना करीब 10 लाख प्रति बीघा है। उल्लेखनीय है कि सैंपऊ कस्बा सहित उपखंड क्षेत्र के कई गांवों के खेतों से नेशनल हाईवे 123 ऊंचा का नगला, खानुआ-रूपवास, धौलपुर का निर्माण शेष| पेज 12
एक बीघा जमीन...
प्रस्तावितहै। हाल ही में जमीन अधिग्रहण की सूचना के साथ मुआवजा राशि किसानों के बैंक अकाउंट में ट्रांसफर करने के लिए अकाउंट नंबर आदि अन्य खानापूर्ति की सूचना एनएचएआई द्वारा दी गई है। मुआवजा में मिलने वाली राशि की जानकारी होने के बाद से किसानों का माथा ठनका हुआ है। किसानों का कहना है कि सैंपऊ में जमीनों का बाजार भाव 30 से 40 लाख के मध्य है। जबकि एनएचएआई द्वारा जमीन के बदले जो राशि दी जाएगी वो अपर्याप्त है। इस राशि से किसान उतनी भी जमीन नहीं खरीद पाएगा जितनी उसकी जा रही है। सैंपऊ और सालेपुर के किसानों ने जमीन अधिग्रहण कार्रवाई को किसान विरोधी बताते हुए मुआवजा राशि बढ़ाए जाने की मांग करते हुए कहा कि जमीन अधिग्रहण के लिए अपनाई गई मुआवजा प्रक्रिया किसानों के हित में नहीं है। बैठक में किसानों ने गुरूवार सुबह 8 बजे धौलपुर रोड स्थित हरदौल मंदिर पर पहुंचने का आह्वान किया। विरोध जताने वालों में किसान प्रमोद शर्मा, रामवीर पहाडिय़ा, सुरेश मरैया, राजवीर सिंह परमार, श्यामबाबू शर्मा, हरिओम परमार, बादशाह खां, महेश नौन वाले, राकेश गर्ग, महेंद्र सिंह समेत दो दर्जन से अधिक काश्तकार मौजूद थे।
पहले बैठक की फिर तहसील के लिए कूच
किसानोंने कस्बा स्थित हरदौल मंदिर पर बैठक की। सभी किसान उपखंड कार्यालय पहुंचे। लेकिन एसडीएम के राजस्व लोक अदालत शिविर में होने के कारण किसानों ने शिविर में जा रहे तहसीलदार वृजेश मंगल की गाड़ी को आगे खड़े होकर रुकवा लिया और पीड़ा बताई। किसानों ने तहसीलदार को कलेक्टर के नाम एक ज्ञापन सौंपकर उचित मुआवजा राशि दिलाए जाने की मांग की। ज्ञापन लेने के बाद तहसीलदार ने मामले में खुद की भूमिका से पल्ला झाड़ लेने के विरोध में किसानों ने तहसील कार्यालय का घेराव कर जमीन अधिग्रहण कार्रवाई और मुआवजे के विरोध में नारेबाजी कर प्रदर्शन किया।
सैंपऊ. मेगा हाईवे के लिए जमीन अधिग्रहण के एवज में मुआवजे को लेकर विरोध प्रदर्शन करते किसान।