Math, asked by ayushas881, 6 days ago

जो बालक परिश्रम करते हैं, वे सदा सफल होते हैं। इस बात को याद रखो । यदि तुम परिश्रम करो, तो अपने जीवन को महान बना सकते हो । ईश्वरचन्द्र विद्यासागर परिश्रम के कारण महान बन सके ।​

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Answered by shivamkumar2011
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Answer:

ईश्वर चन्द्र विद्यासागर (बांग्ला में, ঈশ্বর চন্দ্র বিদ্যাসাগর ; २६ सितम्बर १८२० – २९ जुलाई १८९१) उन्नीसवीं शताब्दी के बंगाल के प्रसिद्ध दार्शनिक, शिक्षाविद, समाज सुधारक, लेखक, अनुवादक, मुद्रक, प्रकाशक, उद्यमी और परोपकारी व्यक्ति थे। वे बंगाल के पुनर्जागरण के स्तम्भों में से एक थे। उनके बचपन का नाम ईश्वर चन्द्र बन्दोपाध्याय था। संस्कृत भाषा और दर्शन में अगाध पाण्डित्य के कारण विद्यार्थी जीवन में ही संस्कृत कॉलेज ने उन्हें 'विद्यासागर' की उपाधि प्रदान की थी।

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