Hindi, asked by jadon8007, 6 months ago

जा बाप
दादा का हुनर था वहा
उनसे पाया और वालिद मरइम के उठ जाने पर आ बैठे उन्हीं के ठीये पर।"
(क) नसीरूद्दीन के खानदान का पेशा क्या था ?उसने अपनी
आजीविका के लिए कौन-सा धंधा अपनाया?
1.
(त)​

Answers

Answered by anitasingh30052
2

Answer:

इसमें बताया गया है कि किस तरह " मियाँ नसीरुद्दीन " को छप्पन तरह के रोटी पकाने की कला में महारत हासिल थी। वो अपने पेशे को कला का दर्ज़ा देते हैं। एक दोपहर जब लेखिका घूमती हुई जामा मस्जिद के निकट मोहल्ले में एक अंधेरी दुकान के पास आती हैं, तो पता चलता है कि वह दुकान खानदानी नानबाई, मियाँ नसीरुद्दीन कि दुकान है।

यह उनका खानदानी पेशा है। इनके वालिद मियाँ बरकत शाही नानबाई थे और उनके दादा आला नानबाई मियाँ कल्लन थे। उन्होंने खानदानी शान का अहसास करते हुए बताया कि उन्होंने यह काम अपने पिता से सीखा।

Explanation:

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