जाबिर हुसैन की रचना नहीं है:-
अतीत का मजार
एक नदी रेत भरी
उड़ान
जो आगे है
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जाबिर हुसैन का जन्म सन् 1945 में गाँव नौनहीं राजगीर, जिला नालंदा, बिहार में हुआ। वह अंग्रेजी भाषा एवं साहित्य के प्राध्यापक रहे। सक्रिय राजनीति में भाग लेते हुए 1977 में मुंगेर से बिहार विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए और मंत्री बने। वर्ष 1995 से बिहार विधान परिषद के सभापति थे। जाबिर हुसैन हिंदी, उर्दू तथा अंग्रेजी (तीनों भाषाओं) में समान अधिकार के साथ लेखन करते रहे हैं। उनकी हिंदी रचनाओं में- डोला बीबी का मजार, अतीत का चेहरा, लोगां, एक नदी रेत भरी प्रमुख हैं। अपने लंबे राजनैतिक-सामाजिक जीवन के अनुभवों में उपस्थित आम आदमी के संघर्षों को उन्होंने अपने साहित्य में प्रकट किया है। संघर्षरत आम आदमी और विशिष्ट व्यक्तित्वों पर लिखी गई उनकी डायरियाँ चर्चित-प्रशंसित हुई हैं। जाबिर हुसैन ने डायरी विधा में एक अभिनव प्रयोग किया है जो अपनी प्रस्तुति, शैली और शिल्प में नवीन है।