जो बीत गई सो बात गई। जीवन में एक सितारा था, माना, वह बेहद प्यारा था, वह डूब गया तो डूब गया। अंबर के आनन को देखो, कितने इसके तारे टुटे, कितने इसके प्यारे छूटे, जो छूट गए फिर कहाँ मिले पर बोलो टूटे तारों पर, कब अंबर शोक मनाता है? जो बीत गई सो बात गई। जीवन में वह था एक कुसुम, थे उस पर नित्य निछावर तुम, वह सूख गया तो सूख गया मधुबन की छाती को देखो, सूखी कितनी इसकी कलियाँ मुरझाई कितनी वल्लरियाँ, जो मुरझाई फिर कहाँ खिलीं, पर बोलो सूखे फूलों पर, कब मधुबन शोर मचाता है? जो बीत गई सो बात गई। क) ‘जो बीत गई सो बात गई’ से क्या तात्पर्य है? स्पष्ट कीजिए। ख) आकाश की ओर कब देखना चाहिए और क्यों? ग) ‘सूखे फूल’ और ‘मधुबन’ के प्रतीकार्थ स्पष्ट कीजिए। घ) टूटे तारों का शोक कौन नहीं मनाता है? ङ) आपके विचार से ‘जीवन में एक सितारा’ किसे माना होगा?
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जो बीत गई सो बात गई : कविता के प्रश्नों के उत्तर
क)
‘जो बीत गई सो बात गई’ से तात्पर्य है कि हमें बीते समय के बारे में ज्यादा नहीं सोचना चाहिए।
कविता के अनुसार अम्बर के तारे टूटने पर अम्बर शोक नहीं मनाता और मधुबन की कलियाँ सूखने पर भी मधुबन शोर नहीं मचाता | हमें भी बीते समय के विचार में समय नहीं गवाना चाहिए |
ख)
रात में जब तारे टूटते हैं तब आकाश की ओर देखना चाहिए। अम्बर के तारे टूटने पर अम्बर शोक नहीं मनाता | इस घटना को देखकर हमें विकट परिस्थितियों में भी धैर्य बनाए रखने की सीख मिलती है|
ग)
‘सूखे फूल’ बीते हुए समय और ‘मधुबन’ जीवन का प्रतीक है।
घ)
‘अम्बर’ अर्थात आकाश टूटे तारों का शोक नहीं मनाता |
ङ)
मेरे विचार से ‘जीवन में एक सितारा’ उस व्यक्ति या वस्तु या परिस्थिति या समय जो हमें अत्यंत प्रिय है को माना गया होगा।
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