' जेब टटोली कौड़ी न पाई 'का क्या
अर्थ है
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उत्तर: यहाँ पर भगवान से मिलने की इच्छा को घर जाने की चाह बताया गया है। Question 4: भाव स्पष्ट कीजिए: जेब टटोली कौड़ी न पाई। उत्तर: आखिर में जब भक्त की नाव को भगवान पार लगा देते हैं तो वह कृतध्न होकर उन्हें कुछ देना चाहता है।
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इसका अर्थ यह है कि जब कवित्री ने जीवन रूपी नाव को छोड़ा तब उन्होंने सत्कर्म रूपी एक भी कौड़ी अपने जेब में नहीं पाई अर्थात वे जीवन में कोई भी सत् कर्म करने में असफल रही |
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