Hindi, asked by rawatmuskan7575, 9 months ago

जो भी हम इस संसार में देखते है ना ऊर्जा काही स्वरुप है। जैसा कि महर्षि अरविंद ने कहा है कि
हम भी कर्जा के हो अंश है। इसलिए जब हमने यह जान लिया है कि आत्मा और पदार्थ दोनों ही अस्तित्व का
हिस्सा है, वे एक दूसरे से पूरा तादात्म्य रखे हुए है तो हमें यह एहसास भी होगा कि भौतिक पदार्थो की इच्छा
रखना किसी भी दक्षिा कोण से शर्मनाक या गैर आध्यात्मिक बात नहीं है।​

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Answered by Anonymous
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आप इस वाक्य से क्या पूछना चाहते हो आपके प्रश्न क्या है ।।।।

Answered by karankumar224447
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Explanation:

Ham aur hamara adarsh

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