Hindi, asked by remonmajhip8ienh, 9 months ago

जाडि मन हरि बिमुखन को संग।
जाके संग कुबुद्धि उपन, परत भजन में भंग।
काम क्रोध मद लोभ मोह में, सिसि दिन रहत उमेग।
कहा भयो पय पान कराये, विष नहिं तपत भुजंग।
काहि कहा कपूर खाये, स्वान हवाये गंग।
खर को कहा अरगना सेपन, मरकत भूषन अंग।
पाहन पतित बान नहि भेदल, रोतो करत निषंग।
सूरदास खल कारी कामरी, च न दूजो रंग।।​

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Answered by rafiazafar40
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Explanation:

Chadi Man Hari Vimukhan Ko Sang. प्रबोधन छाड़ि मन, हरि-विमुखन को संग जिनके संग कुमति उपजत है, परत भजन में भंग

Answered by shawsoni061
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