Hindi, asked by sachin909ici, 5 months ago

जुगुल सैल सिम, हिमकर देखल, एक कमल-दुहु जोति रे।
फुललि मधुरि फुल, सिंदुर लोटाएल, पांति बसइलि गज मोति रे।
आज देखल जति, के पतिआएत, अपुरुब बिहि निरमान रे।
बिपरित कवक, कदलि तर शोभित, थल पंकज के रूप रे।
तथहु मनोहर, बाजन बाजए, जनि जागे मनसिज भूप रे।
भनइ विद्यापति, पुरुब पुन तह, ऐसनि भजए रसमन्त रे।
बुझल सकल रस, नृप. सिबसिंघ, लखिमा देइ कर कन्त रे। explaintion with reference ​

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Answered by rawatchota
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