जुग सहस्र जोजन पर भानू।
लील्यो ताहि मधुर फल जानू।
अर्थ स्पष्ठ करे तथा "जुग सहस्र जोजन" का मान ज्ञात करे।
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अर्थ: हनुमान की सलाह से ही विभीषण को लंका का सिंघासन हासिल हुआ. जुग सहस्त्र जोजन पर भानू, लिल्यो ताहि मधुर फ़ल जानू॥
अर्थ: इन पंक्तियों से हनुमान के बचपन का ज्ञात होता है जब उन्हें भीषण भूख सता रही थी और वे सूर्य को मीठा फल समझकर उसे खाने के लिए आकाश में उड़ गए.
अर्थ- जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है कि उस पर पहुंचने के लिए हजार युग लगे। दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को आपने एक मीठा फल समझकर निगल लिया।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।
जुग सहस्र जोजन पर भानू।लील्यो ताहि मधुर फल जानू।
अर्थ स्पष्ठ करे तथा "जुग सहस्र जोजन" का मान ज्ञात करे।
इस पंक्ति में हनुमान जी के बचपन का ज्ञात होता है जब उन्हें बहुत भूख सता रही थी और तब वे सूर्य को मीठा फल समझकर उसे खाने के लिए आकाश में उड़ गए।
जो सूर्य इतने योजन दूरी पर है कि उस पर पहुंचने के लिए हजार युग लगे दो हजार योजन की दूरी पर स्थित सूर्य को हनुमान ने एक मीठा फल समझ निगल लिया।