जंगल के राजा का मनोगत' इस विषय पर अपने विचार प्रकट कीजिए।
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शेर पानी के अन्दर रहना बेहद पसन्द करता है । इसलिए गर्मी में उसका निवास किसी जोहड़ के निकट होता है । वह अच्छा तैराक भी है । पानी की धारा में मीलों तक तैर जाता है । प्राचीन राजा अपने मेहमानों को शेर के शिकार के लिए आमन्त्रित करते थे ।
भारत शेरों के लिए प्रसिद्ध रहा है । विदेशी मुद्रा कमारे के लिए इस खूबसूरत जानवर का शिकार किया जाता है । इसलिए दिन-प्रतिदिन इसकी मेंग्व्या में कमी आती गई । विदेशी घरों में शेर की खाल और सिर लटकाते है । लेकिन भारत में प्रचलन कम हैं । कारण है कि शेर की खाल महंगी होती है और घरों में मुर्दों की लाश लटकाना बुरा माना जाता है ।
सरकार द्वारा शेर के शिकार पर प्रतिबन्ध लगा दिए जाने के बाद भी शिकार तो होते रहे और खालें महँगी होती गई । इस समस्या का समाधान केन्द्रिय वन और पर्यावरण मन्त्रालय ने यह निकाला कि प्राप्त जानवरों की खालों, हाथी दांत आदि में आग लगा दी जाए जिससे यह दुबारा उपयोग में न आ सकें ।
18 अप्रैल, 1991 को केन्द्रीय वन और पर्यावरण राज्य मंत्री मेनका गाँधी ने प्रगति मैदान के निकट अठहत्तर लाख रूपये की जानवरों की खाल की होली जलाई । इनका मत था कि यह माल दुबारा तस्करों के हाथ नहीं लगेगा ।
लेकिन दूसरे लोगों का मत था कि इन खालों को म्यूजियम में रख दिया जाए । प्रत्येक जानवर से सम्बन्धित जानकारी को उसके नीचे लिख दिया जाए, जिससे आम नागरिकों को भी वन्य जीवों के बारे में जानकारी मिल सकें । इस प्रकार देश की दुर्लभ सम्पदा को खाक में मिलने से बचाया जा सकता है ।