Hindi, asked by pushpendrakashyap162, 3 months ago

जंगल में एक शेर जंगल के जानवरों को सब जानवर परेशान वे सब मिलकर खरगोश खरगोश को कुएं के पास अपने पचाई कुएं में छलांग लगा दी​

Answers

Answered by pawanattri2007
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Answer:

बहुत पुरानी बात है एक जंगल में खूंखार शेर राज किया करता है। राजा होने के कारण वह शेर जंगल के बाकी सारे जानवरों पर धौंस जमाता था और उनका शिकार करके उन्हें खा जाया करता था। कई बार वह एक या दो नहीं, बल्कि कई जानवरों को मार दिया करता था। इस बात से जंगल के सभी जानवर बहुत परेशान थे। उन्हें डर लगता था कि इस तरह एक दिन शेर जंगल के सारे जानवरों को खा जाएगा। इस बात का हल निकालने के लिए सभी जानवरों ने फैसला किया कि वो जाकर शेर से बात करेंगे और उसे समझाने की कोशिश करेंगे।

इस फैसले के बाद हिम्मत करके दूसरे दिन सभी जानवर शेर के पास गए। शेर अपनी गुफा में आराम कर रहा था। उन सभी के आने के कारण उसकी नींद खुल गई। उन सभी को एक साथ देखकर शेर गुस्से से बोला, “तुम सभी एक साथ यहां क्या कर रहे हो? मैंने कोई दावत रखी है क्या?”

इस बात पर जानवर दल का सरदार बोला, “महाराज, हम सभी यहां आपसे एक विनती करने आए हैं। दरअसल, आप जब भी शिकार पर निकलते हैं, तो एक साथ कई जानवर मार देते हैं, जिनमें से कई को आप खा भी नहीं पाते। आपके ऐसा करने से हमारी संख्या कम होती जा रही है और आपकी प्रजा छोटी होती जा रही है। अगर यूं ही चलता रहा, तो एक दिन आपके राज्य में एक भी जानवर नहीं बचेगा और जब प्रजा ही नहीं होगी, तो राजा भला किस पर राज करेगा? इसलिए, आपको सदैव अपना राजा बनाए रखने के लिए, हमने आपके भोजन का इंतजाम करने के लिए योजना बनाई है। हमारा सुझाव यह है कि आप शिकार पर न निकला करें, बल्कि हम खुद रोज एक जानवर आपकी गुफा में भेज दिया करेंगे। इस तरह रोज आपका भोजन भी हो जाएगा, आपको मेहनत भी नहीं करनी पड़ेगी और आपकी प्रजा को भी राहत रहेगी।”

शेर को जानवरों की योजना सही लगी और उसने कहा, “ठीक है। मुझे तुम्हारा सुझाव मंजूर है, लेकिन एक बात का ध्यान रखना। अगर किसी दिन मेरा भोजन आने में देर हुई या भोजन कम आया, तो मैं जितने चाहूं, उतने जानवरों को मार डालुंगा।” जानवरों ने उसकी बात पर सहमति जताई और वापस अपने घर को लौट आए।

उस दिन के बाद से हर रोज एक जानवर शेर की गुफा में पहुंच जाता और शेर उसे मारकर अपना भोजन बना लेता। यूं ही चलते-चलते एक दिन खरगोश की बारी आई। वह बहुत छोटा था, लेकिन चतुर भी था। उसने सोचा कि रोज शेर के हाथों एक जानवर मारा जाता है। यह तो गलत है। इस परेशानी का समाधान करने के लिए कोई चाल चलनी पड़ेगी, तभी उसके दिमाग में एक आइडिया आया।

वह धीरे-धीरे, घूमता-फिरता शेर की गुफा तक पहुंचा। वहां पहुंच कर उसने देखा कि शेर गुस्से से आग बबूला हो रखा है। शेर ने जैसे ही खरगोश को देखा, उसका गुस्सा बढ़ गया और वह दहाड़ कर बोला, “तुम जरा से खरगोश मेरा पेट भरने आए हो और ऊपर से इतनी देरी से आए हो? पता है मुझे कितनी जोर से भूख लगी है। कहां मर गए थे और तुमसे मेरा पेट कैसे भरेगा?”

शेर को तिमिलाया हुआ देख खरगोश बोला, “महाराज, मैं आपकी सेवा में अकेला नहीं आ रहा था, बल्कि मेरे साथ, मेरे पांच साथी और भी थे, लेकिन मगर महाराज, रास्ते में हमे एक और शेर मिल गया, जो हमे खाने की जिद करने लगा। वह मेरे साथियों को मारकर खा गया। मैं किसी तरह अपनी जान बचा कर यहां आया हूं।”

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