'जंगल में खाली बंगला' विषय पर एक छोटे-से नाटक को शुरू से अंत तक लिखिए।
Answers
Answered by
0
बहुत रात हो जाने की वजह से उन्हें चलने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि वह जिस जगह पर पहुंचना चाहते थे रात होने की वजह से वह अब नहीं जा सकते थे उनकी नजर एक “बंगले” पर जाती है जो कि बहुत समय से खाली पड़ा हुआ है अब इस “बंगले” में कोई नहीं रहता है चारों तरफ का माहौल भी अच्छा नहीं है क्योंकि सभी जगह पर हरी घास उग आई है ऐसा लगता है कि यह “बंगला”जंगल में बनाया गया
पुराना महल
वह आदमी सोचता है कि आप मुझे यही पर रुकना होगा क्योंकि रात हो चुकी है और मैं रास्ता खोज नहीं पाऊंगा मुझे चलने में परेशानी का सामना करना होगा जिसकी वजह से मुझे रास्ता मिलने वाला नहीं है इसलिए आज रात की इसी “बंगले” में ही मुझे रहना पड़ेगा भले ही यह ठीक नहीं है लेकिन मेरे सामने और कोई भी उपाए नहीं है, इसलिए मुझे यहीं पर ही ठहरना होगा वह आदमी इस “बंगले” में चला जाता है जो कि बहुत समय से बंद पड़ा हुआ था
दहशत की एक रात कहानी
वह इस बारे में नहीं जानता था लेकिन वह क्या कर सकता था उसके सामने तो कोई दूसरा रास्ता भी नहीं था इसलिए “बंगले” के अंदर जाता है लेकिन जाने का उसे रास्ता नहीं मिल रहा था जो दरवाजा “बंगले” के मुख्य द्वार पर लगा हुआ था वह खुल नहीं रहा था शायद वह बहुत समय से बंद है इसी वजह से वह जाम हो गया है वह आदमी दरवाजे को खोलने के लिए बहुत कोशिश करता है मगर खुलता नहीं है यह “बंगला” उसके सामने समस्या बन रहा था क्योंकि उसका दरवाजा खुल नहीं रहा था और वह अंदर जाने की कोशिश कैसे कर सकता है
एक पुराना किला
तभी उसकी नजर एक खिड़की पे जाती है वह सोचता है कि अगर ये खिड़की खुल जाए तो मैं अंदर जा सकता हूं वह आदमी उस खिड़की को खोलने की कोशिश करता है उस “बंगले” के अंदर चला जाता है जब वह आदमी इस “बंगले” के अंदर जाता है तो देखता है कि वो वह बहुत ही गंदा पड़ा हुआ है क्योंकि वहां पर कोई भी सफाई नहीं हुई है वहां पर कोई नहीं रहता है लेकिन वह क्या कर सकता है उसके सामने तो आज यह “बंगला” ही ठीक लग रहा है वह आदमी सोने की कोशिश करता है
वो सुनसान रास्ता
क्योंकि रात हो चुकी है उसके सामने अब सोने के लिए जगह की अच्छी तलाश करना ही ठीक लग रहा है वह आदमी बहुत सारे दरवाजे देखता है शायद यह सभी कमरे हैं जोकि बहुत समय से बंद पड़े हैं वह उनमें से एक कमरे में ही जाने की कोशिश करता है शायद उसके लिए सोने के लिए वह जगह ठीक नजर आए उनमें से सभी दरवाजे बंद थे कोई भी खुल नहीं रहा था लेकिन एक कमरे का दरवाजा हल्का सा खुला हुआ है जिसकी वजह से वह चला गया और देखता है कि यहां पर बहुत अंधेरा हो चुका है
राजस्थान का किला
उसे रोशनी की तलाश थी लेकिन रोशनी करने के लिए उसके पास अधिक समान नहीं था वह रोशनी करने के लिए कुछ ढूंढ रहा था तभी उसे रोशनी का एक जरिया मिल जाता है और जैसी उस कमरे में रोशनी करता है तो वह डर जाता है अब सोचता है कि मुझे यहां से चले जाना चाहिए क्योंकि यहां पर रुकना भी ठीक नहीं है यह “भूत बंगला” नजर आ रहा है क्योंकि जब उसने उस कमरे में रोशनी की एक आदमी वहां पर बैठा हुआ नजर आ रहा था अंधेरे में क्या कर रहा था उस आदमी के मन में बहुत सारे सवाल है
भूतो का संसार
लेकिन वह उस “भूत बंगला” से बाहर आ चुका था वह पूरी तरह से डर जाते हैं उस जगह पर नहीं रुक सकता था वह भागता हुआ उस “भूत बंगले” से काफी दूर हो चुका था वह दूर से इस “बंगले” को देख रहा था सोच रहा था कि आज मैं समस्या से बच गया लेकिन कौन था जो उस कमरे में बैठा हुआ था आज भी उसके मन में सवाल आता है क्या वह है कोई “भूत” हो सकता है कि वह कोई भूत हो लेकिन क्या कर सकता है वह उस बारे में नहीं जानता है इसलिए सोचता है कि मुझे इस “भूत बंगले” से काफी दूर निकल जाना चाहिए
जब देखीं एक आत्मा
वह आदमी इस बंगले से काफी दूर चला गया था और जब वह एक जगह पर पहुंचा जहां पर उसे जाना था उसने उस “भूत बंगले” के बारे में बताया लेकिन कोई भी उसकी बात पर विश्वास नहीं कर रहा कोई कैसे विश्वास कर सकता है क्योंकि किसी ने उस बारे में नहीं सुना था पहली बार सभी को पता है इसलिए किसी को भी इस बारे में यकीन नहीं हो रहा था क्योंकि कोई भी उस बारे में कुछ भी नहीं जानता था किसी ने भी भूत बंगले के बारे में कुछ नहीं सुना था तो कैसे यकीन किया जा सकता है किसी की बात पर,
भूत का रहस्य
वह आदमी समझ सकता है कि जब किसी ने इस बारे में नहीं देखा और ना ही सुना कोई यकीन कैसे कर सकता लेकिन उसने देखा वह समझ चुका था कि वहां पर जाना ठीक नहीं है जीवन में कुछ बातें ऐसी होती हैं जिनके बारे में हमें सच पता होने के बाद भी बाद ही यकीन होता है उससे पहले उस बात पर यकीन करना बहुत मुश्किल होता है अगर आपको यह कहानी पसंद आए तो आगे भी शेयर करें कमेंट करके हमें बताएं
Answered by
0
Explanation:
एक बार दो दोस्त जंगल से गुजर रहे थे। उस जंगल में जंगली जानवरों का बहुत खौफ था। दोनों ने आपस में वादाकियाककिसी तरह का खतरा आने पर एक-दूसरे का साथ देंगे। जब वे जंगल के बीचोंबीच पहुंचे तो अचानक उन्होंने देखा एक सामने से एक भालू आ रहा है।
एक दोस्त खतरा भांप कर फटाफट पास के पेड़ पर चढ़ गया, लेकिन दूसरा पेड़ पर चढ़ना नहीं जानता था। दोस्त ने भी मदद के लिए हाथ आगे नहीं बढ़ाया। तब उसने अपना दिमाग लगाया। वह चुपचाप जमीन पर लेट गया और सांस रोक ली। उसने ऐसे जताया मानों उसमें प्राण ही न हों। भालू पास आया और उसे सूंघने लगा। उसने उसके कान और मुंह के पास सूंघा और कोई हरकत न देखकर वहां से चला गया। दरअसल, भालू मरे हुए जीवों को नहीं खाते। भालू के जाने के बाद दोस्त पेड़ से उतरा और अपने दोस्त से बोला, 'भालू तुम्हारे कान में क्या कह रहा था।'
Similar questions