जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं?
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उत्तर :
जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को निम्न प्रकार से प्रभावित करते हैं :
- जंगल की भूमि तथा वर्षा में गहरा संबंध है । यदि वृक्षों को काटने की दर उनकी वृद्धि से अधिक हो जाए तो वृक्षों की संख्या कम हो जाती है और वह क्षेत्र धीरे धीरे धीरे रेगिस्तान में बदल जाता है । जंगल सदा वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत को सीधे प्रभावित करते हैं।
- जंगलों के कम होने से वर्षा भी कम होगी तथा उस क्षेत्र में वृक्ष लगाने की दर कम हो जाएगी जिससे पर्यावरण प्रभावित होगा।पेड़ पौधे वायु में ऑक्सीजन तथा कार्बन डाइऑक्साइड की मात्रा को संतुलित रखते हैं। पेड़ पौधे प्रकाश संश्लेषण में मददगार होते है।
- वृक्षों के के बहुत अधिक काटने से मृदा की सबसे ऊपर की सतह वर्षा के पानी के साथ बह जाती है । मृदा के इस प्रकार अपरदन के कारण भूमि की उपजाऊ शक्ति नष्ट हो जाती है। वन जंगली जंतुओं का निवास स्थान है। हमें उनसे कई प्रकार की जड़ी बूटियां मिलती है। कई उद्योगों के लिए हमें कच्चा माल प्रदान करते हैं। जंगलों से जल के स्रोतों की सुंदरता बढ़ती है। इनसे भूमि कटाव पर नियंत्रण होता है।
जितने ज्यादा हम पेड़ पौधे उग आएंगे हमारा पर्यावरण उतना ही स्वच्छ और स्वास्थ्य वर्धक होगा पौधे हमारे प्रदूषित पर्यावरण को स्वच्छ कर सकते हैं। हवा , मृदा और जल के स्रोत जंगलों से सीधे तौर पर संबंधित है।
आशा है कि यह उत्तर आपकी मदद करेगा।।।।
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