Hindi, asked by rathodg855, 6 months ago

जागरण गीत कविता का मूलभाव लिखिए
पुस्तक = नवभारती
कविता = जागरण गीत

Answers

Answered by myrajan62
1

Answer:

just write it in english

Answered by yashikasingh733
1

Answer:

अब न गहरी नींद में तुम सो सकोगे,

गीत गाकर मै तुम्हे जगाने आ रहा हु।

अतल अस्ताचल तुम्हे जाने ना दूंगा,

अरुण उदयाचल सजाने आ रहा हूँ।

कल्पना में आज तक उड़ते रहे तुम,

साधना से सिहरकर मुड़ते रहे तुम।

अब तुम्हे आकाश में उड़ने न दूंगा,

आज धरती पर बसाने आ रहा हूँ।

सुख नहीं यह, नींद में सपने संजोना,

दुःख नहीं यह, शीश पर गुरु भार ढोना।

शूल तुम जिसको समझते थे अभी तक,

फूल मै उसको बनाने आ रहा हूँ।

देखकर मझधार को घबरा न जाना,

हाथ ले पतवार को घबरा न जाना।

मै किनारे पर तुम्हे थकने न दूंगा,

पार मै तुमको लगाने आ रहा हूँ।

तोड़ दो मन में कसी सब श्रंखलाएं

तोड़ दो मन में बसी संकीर्णताऐ

बिंदु बनकर मै तुम्हे ढलने न दुगा

सिन्धु बनकर तुमकों उठाने आ रहा हु.

Explanation:

Similar questions