Hindi, asked by ojaswipk3123, 3 months ago

जूही की कली कविता का भावार्थ लिखिए ​

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Answered by Anonymous
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भावार्थ :- कवि निराला जी कहते हैं कि जूही की कली विरह में पीड़ित नायिका का रूप है जो अपने प्रेमी पवन के विरह में तड़प रही है, जो उसे छोड़कर दूर मलयागिरी पर्वत पर चला गया है।

Answered by Mithalesh1602398
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Answer:

कवि निराला जी कहते हैं कि जूही की कली विरह में पीड़ित नायिका का रूप है जो अपने प्रेमी पवन के विरह में तड़प रही है, जो उसे छोड़कर दूर मलयागिरी पर्वत पर चला गया है। वह अपने प्रेमी के स्वप्न में ही खोई रहती है कि कब उसका प्रेमी आएगा और उन दोनों का मिलन होगा।

Explanation:

Step : 1 इस कविता में कवि ने जूही की कली और पवन का मानवीकरण किया है। नायिका जूही की कली और नायक पवन का वर्णन है। नायक पवन अपनी नायिका जूही की कली को छोड़कर दूर मलयगिरि पर्वत पर चला गया है।बादल राग' निराला जी की प्रसिद्ध कविता है। वे बादलों को क्रांतिदूत मानते हैं। बादल शोषित वर्ग के हितैषी हैं, जिन्हें देखकर पूँजीपति वर्ग भयभीत होता है। बादलों की क्रांति का लाभ दबे-कुचले लोगों को मिलता है, इसलिए किसान और उसके खेतों में बड़े-छोटे पौधे बादलों को हाथ हिला-हिलाकर बुलाते हैं।

Step : 2 लंबे समय तक निराला की प्रथम रचना के रूप में प्रसिद्ध 'जूही की कली' शीर्षक कविता, जिसका रचनाकाल निराला ने स्वयं १९१६ ई॰ बतलाया था, वस्तुतः १९२१ ई॰ के आसपास लिखी गयी थी तथा १९२२ ई॰ में पहली बार प्रकाशित हुई थी।'जूही की कली' कवित्त छंद में रची गयी एक प्रणय कविता है।'सरोज स्मृति' हिन्दी का श्रेष्ठतम शोक गीत है। कवि निराला के द्वारा अपनी पुत्री की मृत्यु पर लिखी गई इस कविता में करुणा भाव की प्रधानता है। विराग भाव के बीच नीति, शृंगार और कभी-कभी व्यंग्य और हास्यमूलक प्रसंगों को पिरोना इसकी अनोखी विशिष्टता है।

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