जाहिरात लेखन प्लास्टिक बंदी
Answers
महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक और थर्मोकोल पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना शुक्रवार की देर रात जारी कर दी। प्लास्टिक और थर्मोकोल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला महाराष्ट्र 18वां राज्य बन गया है। लोगों के पास पड़े स्टॉक को नष्ट करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है। 250 एमएल पानी की बॉटल पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों को 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुर्माना भरना होगा या फिर तीन महीने की सजा हो सकती है।
अगले 15 दिन में स्थानीय निकाय के अधिकारी प्लास्टिक के गोदाम या कारखानों में दौरा कर जांच करेंगे कि किसने पास कितना स्टॉक है। इस प्रतिबंध पर अमल करने के लिए सरकार ने स्थानीय निकाय से लेकर पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, कलेक्टर, तहसील कार्यालय तक को अधिकार दिया है।
बनेंगे कलेक्शन सेंटर
पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने दावा किया कि नैसर्गिक रूप से प्लास्टिक 500 और थर्मोकोल 800 साल तक नष्ट नहीं होते। पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से ये दोनों बेहद घातक हैं। महाराष्ट्र में प्रतिदिन एक करोड़ 20 लाख प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल किया जाता है। जिनके पास प्लास्टिक के उत्पाद हैं, वे स्थानीय निकाय के कलेक्शन सेंटर में जमा कर सकते हैं। आने वाले दिनों में स्थानीय निकाय बड़े पैमाने पर प्लास्टिक और थर्मोकोल कलेक्शन सेंटर बनाने वाला है।
कदम ने बताया कि विवाह एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में सजावट के लिए उपयोग किए जाने वाले थर्मोकोल पर भी पाबंदी लगाई गई है। प्लास्टिक और थर्मोकोल के उद्योग में काम करने वाले हजारों कर्मियों के बारे में सहानुभूति के साथ विचार किया जाएगा तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।
कपड़े की थैलियों का विकल्प
प्लास्टिक के बड़े बैग के विकल्प के बारे में उन्होंने कहा कि महिला बचत गुटों को कपड़े की थैलियां बनाने का काम दिया गया है। इसके लिए 5 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं।
Answer written by SWAGGER GIRL OF THE YEAR
Mark as a brainlist dood
मुंबई
महाराष्ट्र सरकार ने प्लास्टिक और थर्मोकोल पर प्रतिबंध लगाने की अधिसूचना शुक्रवार की देर रात जारी कर दी। प्लास्टिक और थर्मोकोल पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने वाला महाराष्ट्र 18वां राज्य बन गया है। लोगों के पास पड़े स्टॉक को नष्ट करने के लिए एक महीने का वक्त दिया है। 250 एमएल पानी की बॉटल पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया गया। इस प्रतिबंध का पालन नहीं करने वालों को 5,000 रुपये से 25,000 रुपये तक जुर्माना भरना होगा या फिर तीन महीने की सजा हो सकती है।
अगले 15 दिन में स्थानीय निकाय के अधिकारी प्लास्टिक के गोदाम या कारखानों में दौरा कर जांच करेंगे कि किसने पास कितना स्टॉक है। इस प्रतिबंध पर अमल करने के लिए सरकार ने स्थानीय निकाय से लेकर पुलिस, ट्रैफिक पुलिस, कलेक्टर, तहसील कार्यालय तक को अधिकार दिया है।
बनेंगे कलेक्शन सेंटर
पर्यावरण मंत्री रामदास कदम ने दावा किया कि नैसर्गिक रूप से प्लास्टिक 500 और थर्मोकोल 800 साल तक नष्ट नहीं होते। पर्यावरण और स्वास्थ्य के लिहाज से ये दोनों बेहद घातक हैं। महाराष्ट्र में प्रतिदिन एक करोड़ 20 लाख प्लास्टिक की बोतलों का इस्तेमाल किया जाता है। जिनके पास प्लास्टिक के उत्पाद हैं, वे स्थानीय निकाय के कलेक्शन सेंटर में जमा कर सकते हैं। आने वाले दिनों में स्थानीय निकाय बड़े पैमाने पर प्लास्टिक और थर्मोकोल कलेक्शन सेंटर बनाने वाला है।
कदम ने बताया कि विवाह एवं अन्य महत्वपूर्ण कार्यक्रमों में सजावट के लिए उपयोग किए जाने वाले थर्मोकोल पर भी पाबंदी लगाई गई है। प्लास्टिक और थर्मोकोल के उद्योग में काम करने वाले हजारों कर्मियों के बारे में सहानुभूति के साथ विचार किया जाएगा तथा उन्हें रोजगार उपलब्ध कराने के प्रयास किए जाएंगे।
कपड़े की थैलियों का विकल्प
प्लास्टिक के बड़े बैग के विकल्प के बारे में उन्होंने कहा कि महिला बचत गुटों को कपड़े की थैलियां बनाने का काम दिया गया है। इसके लिए 5 करोड़ रुपये भी दिए गए हैं।