जाइलम या आदिदारुक की संख्या के आधार पर रंभ कितने प्रकार का होता है ?
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hii
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एक आदिदारुक (monarch) से छह आदिदारुक (hexarch) तथा इससे अधिक होने पर बहुआदिदारुक (polyarch) प्रकार का होता है।
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रंभ का अर्थ भैंस की आवाज़ में बोलना होता है . संस्कृत में इसका अर्थ चमकना अथवा रमणीक भी होता है. इन दोनों शब्दों का अर्थ अन्तर्विरोध पैदा करता है . पहले अर्थ में भैंसा कहा जा सकता है परन्तु द्वितीय अर्थ में रमणीक अर्थात अति सुंदर होता है. अगर भैंसा मान लिया जाये तो निश्चित रूप से वह भैंस से ही सम्बन्ध बनाएगा और भैंस या भैंसा ही उत्त्पन्न होगा. यहाँ महिषासुर की उत्पत्ति भैंस से बताई गई है जो कतई भी उचित नहीं कहा जा सकता क्योंकि भैंस से यदि कोई मनुष्य रति करे तो मानव रूप में उत्पत्ति नहीं हो सकती. अत: मिथ्या प्रचार भ्रामक होता है. ऐसा साहित्य अपनी विश्वनीयता खो देता है जिसे कोई भी मानने से इंकार कर सकता है.