जाज पंचम की नाक शीर्षक की सार्थकता तर्क सहित सिद्ध कीजिए
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जॉर्ज पंचम की नाक शीर्षक लेखक ने बहुत सोच-समझकर दिया है। यह नाक भारत के सम्मान का प्रतीक है, जिसे भारत के हुक्कमरानों ने विदेशी मेहमानों के सामने नष्ट कर दिया। ... अतः वह नाक जॉर्ज पंचम की नहीं भारत की थी, जिसे जॉर्ज पंचम की मूर्ति पर लगाया जा रहा था। अतः यह शीर्षक देकर लेखक ने उस पर करारा व्यंग्य किया है।
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- दोस्त! लेखक ने जॉर्ज पंचम की नाक का शीर्षक बड़ी सावधानी से दिया है।
- यह नाक भारत के सम्मान का प्रतीक है, जिसे भारत के निरंकुशों ने विदेशी मेहमानों के सामने नष्ट कर दिया था।
- जॉर्ज वी शासन प्रणाली का मुख्य स्तंभ है, जिसने सदियों से भारत को गुलाम बनाया और इसके सम्मान का उल्लंघन किया जॉर्ज वी की नाक का सार, जॉर्ज वी का नाक पाठ पदार्थ, जॉर्ज वी का नाक पाठ सारांश, जॉर्ज वी का नाक सारांश लेखक बताता है कि यह एक लंबा था कुछ समय पहले चर्चा हुई थीएलिजाबेथ द्वितीय के भारत आने के बारे में।
- बुनकर उन कपड़ों को लेकर परेशान था जहां रानी पहनती थी। जांचकर्ताओं के पहले डर को दूर करना था।
- हुकम इस बात से परेशान थे कि उनकी नाक देश और देश के लिए शहीद हुए बच्चों की नाक से भी नीची थी |
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