जीजी पानी दान करने की समानता किससे करती हैं
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जीजी पानी दान करने की समानता देवता पर अर्ध्य चढ़ाने से करती हैं। जीजी का कहना था कि जिस प्रकार देवताओं से कुछ माँगने से पहले उन्हें कुछ दान करना पड़ता है। उसी तरह इंद्र देवता को जल का अर्ध्य चढ़ाने से इंद्र देवता प्रसन्न होते हैं और वह भारी मात्रा में बारिश करते हैं, जिससे कृषि खेती अच्छी होती है। अतः पानी का इंद्रसेना पर पानी फेंकना पानी की बर्बादी नहीं बल्कि इंद्र देवता को जल का अर्ध्य चढ़ाने जैसा है। प्राचीन संस्कृति में भी ऋषि-मुनियों ने दान को ऊंचा महत्व दिया है, जो चीज अपने पास कम हो तो अपनी आवश्यकता को भूल कर दूसरे को दान कर देना ही सच्चा त्याग है। कुछ पाने के लिए पहले कुछ दान पढ़ता है, तभी हमें कुछ पाने की आकांक्षा रखनी चाहिये।
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