जी जनाब ! सोिहवीं शताब्दी की बात है। बादशाह हुमार्ूाँशेरशाह सेहार कर भागा था और र्सिंध केरेवगस्तान मेंमारा मारा हफर रहा था । एक अवसर पर प्यास सेउसकी जान ननकि रही थी । उस समर् एक ब्राह्मण नेइसी िोटेसेपानी हपिा कर उसकी जान बचाई थी । हुमार्ूाँके बाद अकबर नेउस ब्राह्मण का पता िगाकर उससे इस िोटेको िेलिर्ा और इसके बदिेमेंउसेइसी प्रकार के दस सोनेके िोटेप्रदान नकए। र्ह िोटा सम्राट अकबर को बहुत प्यारा था। इसी सेइसका नाम अकबरी िोटा पडा। वह बराबर इसी सेवुजूकरतेथे। सन सत्तावन तक इस के शाही घरानेमेंरहनेका पता है। पर इसके बाद िापता हो गर्ा। कोिकाता के म्यूर्जर्म मेंइसका प्लास्टर का मॉडि रखा हुआ है। पता नहीं र्ह िोटा इस आदमी के पास कै सेआर्ा? म्यूर्जर्म वािों को पता चिेतो फैं सी दाम देकर खरीद िेजाएाँ । अ) बादशाह हुमार्ूाँनकस सेहार कर भागा था?
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सोहवीं शताब्दी में बादशाह हुमा ्रांशेरशाह सेहार कर भागा था।(I hope ki answer ye hi ho)
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