जोजन भरि तेहिं बदनु पसारा। कपि तनु कीन्ह दुगुन बिस्तारा
सोरह जोजन मुख तेहिं ठयऊ। तुरत पवनसुत बत्तीस भयक
जस जस सुरसा बदनु बढावा। तासु दून कपि रूप देखावा
सत जोजन तेहिं आनन कीन्हा। अति लघु रूप पवनसुत
लीन्हा
बदन पइठि पुनि बाहेर आवा। मागा यिदा ताहि सिरु नावा
मोहि सुरन्ह जेहि लागि पठावा। बुधि बल मरमु तोर मैं पावा Sundarban prakhand likhiye
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follow me I am class 4 thankyou
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