जूझ' कहानी के आधार पर बताइए कि लेखक की माँ ने पाठशाला की?
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जूझ कहानी के आधार पर बताइए कि लेखक की माँ ने पाठशाला जाने में लेखक की क्या सहायता की?
➲ ‘जूझ’ कहानी लेखक आनंदा की माँ ने लेखक के पाठशाला जाने में अहम मदद की।
जब लेखक के पिता ने लेखक का पाठशाला जाना बंद करवा दिया और वह लेखक को किसी भी प्रकार से पाठशाला भेजने को राजी नहीं था, तब लेखक बेहद परेशान रहने लगा। उसने अपने मन की पीड़ा माँ को बताई। माँ अपने बेटे की परेशानी को समझती थी। इसलिए उसने गाँव के प्रभावशाली व्यक्ति दत्ता जी राव की मदद ली।
दत्ता जी राव की मदद लेने के लिए लेखक और उसकी माँ को थोड़ा झूठ भी बोलना पड़ा और पिता के विषय में झूठ बोल कर शिकायत की। दत्ता जी राव ने लेखक के पिता को बुलाकर उसे डांट लगाई और अपने लड़के को विद्यालय भेजने के लिए मनाया। लेखक का पिता कुछ शर्तों के आधार पर लेखक को विद्यालय भेजने के लिए राजी हो गया।
यदि लेखक की माँ झूठ नहीं बोलती तो दत्ता जी राव शायद लेखक की सहायता नहीं करते और उसके पिता को नहीं समझाते। कुल मिलाकर लेखक और लेखक की माँ द्वारा झूठ बोलना लेखक हित मे गया और लेखक का पाठशाला जाना संभव हो पाया।
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