जाकी अंग-अंग बास समानी के रचयिता कौन है
Answers
Answered by
5
Answer:
जाकी अंग-अंग बास समानी।। प्रस्तुत पंक्तियों के रचयिता कौन हैं - तुलसीदास
♡♡♡♡♡|| हर हर महादेव ||♡♡♡♡♡
Answered by
3
Answer:
जाकी अंग-अंग वास समानी' में 'जाकी' शब्द चंदन के लिए प्रयुक्त है। इससे कवि का अभिप्राय है जिस प्रकार चंदन में पानी मिलाने पर इसकी महक फैल जाती है, उसी प्रकार प्रभु की भक्ति का आनंद कवि के अंग-अंग में समाया हुआ है। रचयत= तुलसीदास
Similar questions