Hindi, asked by ManishDwivedi4661, 9 months ago

जाकी छोति जगत कउ लागै ता पर तुहीं ढरै। नीचहु ऊच करै मेरा गोबिंदु काहू ते न डरै॥ नामदेव कबीरु तिलोचनु सधना सैनु तरै। कहि रविदासु सुनहु रे संतहु हरिजीउ ते सभै सरै॥Meaning of this

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Answered by manyakapoor0654
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Explanation:

हे प्रभु! आपके बबना कौन कृपालुहै। आप गरीब तथा टदन – दखुखयों पर दया करने वाले हैं।

आप ही ऐसेकृपालुस्वामी हैंजो मुझ जैसे अछूत और नीच के माथे पर राजाओं जैसा छत्र रख

टदया। आपनेमुझे राजाओं जैसा सम्मान प्रदान ककया। मैं अभागा हूँ। मुझ पर आपकी असीम कृपा

है। आप मुझ पर द्रववत हो गए । हे स्वामी आपनेमुझ जैसे नीच प्राणी को इतना उच्च सम्मान

प्रदान ककया। आपकी दया से नामदेव , कबीर जैसे जुलाहे , बत्रलोचन जैसे सामान्य , सधना जैसे

कसाई और सैन जैसे नाई संसार से तर गए। उन्हें ज्ञान प्राप्त हो गया। अंर्तम पंक्तत मेंरैदास

कहतेहैं – हे संतों, सुनो ! हरर जी सब कुछ करनेमें समथि हैं। वे कुछ भी सकते हैं।

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