जाका गुरु भी अंधला चेला खरा निरंध
अंधै अंधा ठेलिया दुन्यू कूप पडत
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kya krna h iska question to pura type kiya karo
Explanation:
agar bhavarth puchha h to ye --
कवि इस दोहे से यह कहना चाहते है कि अगर गुरु अंधा अर्थात अल्प बुद्धि अविवेकी हो और जिसे आत्म ज्ञान का पता नहीं हो सिर्फ आस्था और भगवान के नाम पर पाखंड फैलाता हो । उसका चेला भी उसका अनुसरण करता हो तो दोनों नरक के समान कूंए में गिर पड़ते हैं।
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