जा का खड़ा बालाहिदा के प्रारंभिक कवियों में मूर्धन्य स्थान है। आपाहदाक एक
यह स्पष्ट किया है कि मनुष्य विशिष्ट कुल में जन्म लेने से नहीं बल्कि अपने कर्मों
विचार मंथन
।। भूलकर भी न करें भूल-बनें फूल, नहीं शूल ।। निम्न आधार पर चर्चा करो
भूल
फूल
शूल
ही
,
हें है पालता,
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hsbzhxhj, znnznanzmz
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