Science, asked by reetarathore550, 6 months ago

जूल के
तापन नियम को लिखो

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Answered by sayalipatil0897
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Answer:

HEYA MATE !! HERE IS YOUR ANSWER:

Explanation:

(joule’s law in hindi) जूल का नियम क्या है , सूत्र , चित्र , ऊष्मा : जब किसी विद्युत परिपथ से विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो इलेक्ट्रान और परिपथ के कणों के मध्य टकराव होता है जिससे परिपथ में ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है इसे जूल का नियम कहते है , यही कारण होता है कि जब किसी विद्युत तार से धारा प्रवाहित होती है या इलेक्ट्रानिक युक्तियाँ अधिक देर तक कार्यरत रहती है तो वे गर्म हो जाती है।

इंग्लिश महान भौतिकवाद जेम्स प्रेस्कॉट जूल ने अपने नियम में यह बताया कि विद्युत परिपथ में उत्पन्न होने वाली इस ऊष्मा का मान कितना होगा , और इसकी गणना करने के लिए उन्होंने एक सूत्र भी दिया , साथ में उन्होंने यह भी बताया कि यह उत्पन्न ऊष्मा किन किन कारको पर निर्भर करती है।

जूल का नियम : जब विद्युत तार में विद्युत धारा प्रवाहित होती है तो धारा प्रवाह के कारण इस तार में ऊष्मा उत्पन्न हो जाती है , इसे जुल का नियम कहते है।

इसका SI मात्रक भी जूल होता है।

सूत्र की स्थापना

1. जब विद्युत तार के प्रतिरोध और बह रही विद्युत धारा के समय को नियत रखा जाए तो तार में उत्पन्न ऊष्मा का मान , तार में बह रही विद्युत धारा के वर्ग के समानुपाती होती है –

H ∝ i2

2. तार में उत्पन्न ऊष्मा का मान तार के प्रतिरोध के समानुपाती होती है जबकि तार में प्रवाहित धारा और समय को नियत रखा जाए –

H ∝ R

3. जब तार के प्रतिरोध और प्रवाहित धारा को नियत रखा जाए तो तार में उत्पन्न ऊष्मा का मान तार में बह रही धारा के समय के समानुपाती होती है।

H ∝ t

जब तीनों बिन्दुओं को एक साथ लिखा जाता है तो हमारे पास या सूत्र निम्न प्रकार प्राप्त होता है –

यहाँ J को जूल नियतांक कहते है।

इसे जूल का प्रथम (पहला ) नियम भी कहते है।

जूल का दूसरा या द्वितीय नियम

जूल का दूसरा या द्वितीय नियम बताता है कि किसी आदर्श गैस की आंतरिक ऊर्जा का मान दाब या आयतन पर निभर नहीं करता लेकिन यदि इसका ताप का मान परिवर्तित कर दिया जाए तो आदर्श गैस की आंतरिक उर्जा का मान परिवर्तित हो सकता है इसे जूल का द्वितीय या दूसरा नियम कहते हैI

TAKE CARE!!

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