Hindi, asked by Folwerpanda, 5 months ago

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन की मोही
रहिमन मछरी नीर को, तऊ न छाँड़ति छोह।।2।

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Answers

Answered by Muhammedeqbal13
1

Explanation:

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Answered by pariharvikrantsingh2
3

Answer:

जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह।

‘रहिमन’ मछरी नीर को तऊ न छाँड़ति छोह॥

अर्थ

धन्य है मीन की अनन्य भावना! सदा साथ रहने वाला जल मोह छोड़कर उससे विलग हो जाता है, फिर भी मछली अपने प्रिय का परित्याग नहीं करती, उससे बिछुड़कर तड़प-तड़पकर अपने प्राण दे देती है

Explanation:

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