Hindi, asked by nitinnakoti124, 17 hours ago

जाल परे जल जात बहि दही मिलन को मोह रहिमन मछरी नीर को तऊ न छोड़ती मोह​

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Answered by HarshitRaj12
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जाल परे जल जात बहि, तजि मीनन को मोह। 'रहिमन' मछरी नीर को तऊ न छाँड़ति छोह॥ धन्य है मीन की अनन्य भावना! सदा साथ रहने वाला जल मोह छोड़कर उससे विलग हो जाता है, फिर भी मछली अपने प्रिय का परित्याग नहीं करती, उससे बिछुड़कर तड़प-तड़पकर अपने प्राण दे देती है।

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