Hindi, asked by dikshathapa37, 7 months ago

जुलूस कहानी का प्रतिपाद्य लिखो​

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Answered by rohitjain7329
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Explanation:

Juloos kahani ka pratipadya kya

Juloos kahani ka pratipadya kyaइब्राहिम अली गाँधीजी से प्रभावित है। 'हम दुकानें लूटने या मोटरें तोडने नहीं निकले हैं' इब्राहिम अली के इस कथन से उनपर गाँधीजी के अहिंसा तत्व का स्पष्ट प्रभाव देखने को मिलते हैं। इब्राहिम अली बहुत ही साहसी है और निडर भी। इसलिए बीरबलसिंह के हुक्म से वह डरते नहीं।

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Answered by shilpa85475
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  • जुलूस की कहानी प्रेमचंद की शुरुआती कहानियों में से एक है जिसमें उन्होंने समाज की वास्तविक समस्या को आदर्शों से सुलझाकर दिखाया है।
  • जुलूस की कहानी स्वतंत्रता आंदोलन के इर्द-गिर्द लिखी गई है। कहानी का कथानक सरल है और यह समय के प्रवाह के साथ बढ़ता है।
  • कहानी का कथानक शुरू से अंत तक कड़ा रहता है।
  • कहानी की संवेदनशीलता को चखने में पाठक को कोई कठिनाई नहीं होती है।
  • जुलूस की कहानी प्रेमचंद की कहानियों में से एक है जो देशभक्ति की भावना का प्रचार करती है।
  • गांधीवादी विचारों से प्रभावित यह कहानी एक तरफ स्वतंत्रता आंदोलन को दर्शाती है और दूसरी तरफ आजादी पाने के लिए चलाए जा रहे आंदोलन के लोगों से क्या उम्मीदें हैं।
  • कहानी शुरू से अंत तक गांधीवादी दर्शन के सिद्धांतों जैसे अहिंसा, सत्याग्रह के महत्व और हृदय परिवर्तन में विश्वास पर केंद्रित है।
  • जुलूस की कहानी में स्वतंत्रता आंदोलन के चरित्र का वर्णन किया गया है।
  • इब्राहिम अली के नेतृत्व में जुलूस गांधीजी के नेतृत्व में चल रहे सत्याग्रह का प्रतिनिधित्व करता है।
  • जैसे गांधीजी ने लोगों से संयम और अहिंसा के साथ दमनकारी ब्रिटिश शासन का विरोध करने का आग्रह किया।
  • इब्राहिम अली ने अत्यंत विनम्रता और संयम के साथ जुलूस का नेतृत्व किया और अहिंसा की संभावना होने पर अपना जुलूस वापस ले लिया।
  • जनता का रुख बदलना जुलूस कहानी की एक प्रमुख अनुभूति होने के साथ-साथ कहानी का एक विशेष उद्देश्य भी है।
  • रवैये में यह बदलाव इंस्पेक्टर बीरबल सिंह जैसे लोगों में आता है।
  • ये वे लोग हैं जो पद और प्रतिष्ठा के लालच में अपने ही भाई-बहनों पर अत्याचार कर रहे हैं।
  • उनके कर्मों के कारण उनमें अपराध बोध होता है, लेकिन पदोन्नति की चाह में वे शांतिपूर्वक निकलने वाली बारात पर लाठियां बरसाते हैं।
  • उनके अंदर रवैये में बदलाव तब आता है जब उनके राष्ट्र विरोधी कृत्यों की समाज और परिवार में निंदा होने लगती है।
  • इसके साथ ही मैकू, दीनदयाल और शंभू जैसे किरदारों में बदलाव आया है।
  • जो पहले जुलूस में शामिल नहीं होते थे, लेकिन जुलूस की सफलता और असफलता का विषय जरूर चर्चा का विषय था |
  • लेकिन जब जुलूस में शामिल इन लोगों को पुलिस के अत्याचारों की जानकारी मिलती है तो ये लोग भी तटस्थ रहकर अपनी दुकानें बंद करके जुलूस में शामिल नहीं हो पाते हैं |
  • कहानी में प्रेमचंद ने स्वतंत्रता आंदोलन में उच्च वर्ग के लोगों की भूमिका की भी चर्चा की है।
  • वे अपने पात्रों के माध्यम से कहते हैं कि यदि समाज के उच्च शिक्षित और शक्तिशाली लोग आंदोलन में शामिल हों तो आंदोलन के सफल होने की संभावना बढ़ जाएगी |

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