जिमत मुददों के आधार पर ८०-१०० शब्श मे
कहानी लिखकर उचित शीर्षक दीजिए |
क्रोधी महातमा-नीदी के किनारे तपस्या करना
एक दिन धोबी दवाश कपडे धोना - छीटे पटना -
माहत्मा का गुस्सा होना-स्नान करने जाना - धोबी
का भी स्नान करना- पूछने पर बताना कि आपके
क्रोध से अपवित्र - महात्मा की आँखे खुलना- सीख
Answer in hindi please
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एक नदी के तट पर रखी बड़ी-सी शिला पर एक महात्मा बैठे हुए थे। थोड़ी देर में वहां एक धोबी आया। वह उसी शिला पर कपड़े धोता था। उसने वहां महात्मा जी को बैठे देखा, तो सोचा, अभी उठ जाएंगे, थोड़ा इंतजार कर लेता हूं। जब काफी वक्त बीत गया और महात्मा उठे नहीं, तो धोबी ने उनसे अन्यत्र बैठने का निवेदन किया। महात्मा जी वहां से उठकर थोड़ी दूर बैठ गए। धोबी ने कपड़े धोने शुरू किए। पछाड़-पछाड़ कर कपड़े धोने की वजह से कुछ छींटे उछल कर महात्मा जी पर गिरने लगे। महात्मा को क्रोध आ गया। वह धोबी को अपशब्द कहने लगे। उससे भी गुस्सा दूर न हुआ, तो पास रखा धोबी का डंडा उठाकर उसे मारने लगे।
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