Science, asked by pradipajatava49, 3 months ago






जॉन डाल्टन का जन्म सन् 1766
में इंग्लैंड के एक गरीब जुलाहा
परिवार में हुआ था। बारह वर्ष
की आयु में उन्होंने एक शिक्षक
के रूप में अपनी जीविका शुरू
की। सात साल बाद वह एक
स्कूल के प्रिंसिपल बन गए।
सन् 1793 में जॉन डाल्टन एक कॉलेज में गणित,
भौतिकी एवं रसायन शास्त्र पढ़ाने के लिए मैनचेस्टर
चले गए। वहाँ पर उन्होंने अपने जीवन का अधिकांश
समय शिक्षण एवं शोधकार्य में व्यतीत किया। सन्
1808 में इन्होंने अपने परमाणु सिद्धांत को प्रस्तुत
किया, जो द्रव्यों के अध्ययन के लिए एक महत्वपूर्ण
सिद्धांत साबित हुआ।
अनुसार किमी
का तो सूजन​

Answers

Answered by Sarah0909
4

Answer:

Here is your answer...

There was another more advanced shadow clock or sundial in use by the ancient Egyptians around 1500 BC. This shadow clock or sundial permitted one to measure the passage of hours within a day. Another very early form of clock to tell the time was the water clock. The water clock was used by the ancient Greeks.

Answered by Sнιναηι
2

Answer:

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डाल्टन का परमाणु सिद्धान्त संपादित करें l

डाल्टन ने द्रव्यों की प्रकृति के बारे में एक आधारभूत सिद्धान्त प्रस्तुत किया और द्रव्य की विभाज्यता का विचार दिया जिसे उस समय तक दार्शनिकता माना जाता था। ग्रीक दार्शनिकों के द्वारा द्रव्यों के सूक्ष्मतम अविभाज्य कण, जिसे परमाणु नाम दिया था, उसे डाल्टन ने भी परमाणु नाम दिया। डाल्टन का यह सिद्धान्त रासायनिक संयोजन के नियमों पर आधरित था। डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त ने द्रव्यमान के संरक्षण के नियम एवं निश्चित अनुपात के नियम की युक्तिसंगत व्याख्या की।

डाल्टन के परमाणु सिद्धान्त के अनुसार सभी द्रव्य चाहे तत्व, यौगिक या मिश्रण हो, सूक्ष्म कणों से बने होते हैं जिन्हें परमाणु (एटम) कहते हैं। डाल्टन के सिद्धान्त की विवेचना निम्न प्रकार से कर सकते हैं:

  • सभी द्रव्य परमाणुओं से बने होते हैं।
  • परमाणु अविभाज्य सूक्ष्मतम कण होते हैं जो रासायनिक अभिक्रिया में न तो सृजित होते हैं और न ही उनका विनाश होता है।
  • किसी भी दिए गए तत्व के सभी परमाणुओं का द्रव्यमान एवं रासायनिक गुण समान होते हैं।
  • भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणुओं के द्रव्यमान एवं रासायनिक गुणधर्म भिन्न-भिन्न होते हैं।
  • भिन्न-भिन्न तत्वों के परमाणु परस्पर छोटी पूर्ण संख्या के अनुपात में संयोग कर यौगिक नियमित करते हैं।
  • किसी भी यौगिक में परमाणुओं की सापेक्ष संख्या एवं प्रकार निश्चित होते हैं।
  • रासायनिक अभिक्रिया, परमाणुओं की एक पुनर्व्यवस्था है।

hope it helps you

{ \huge{ \tt{ \color{red}{thanks}}}}

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