जॉन डीवी ने शिक्षा के क्या उद्देश्य बताया अपने अनुभव के आधार पर बताएं कि क्या विद्यालय मे in uddesyon ko prapt krne ki disha m karya hota h ya mhi
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जान डुई (John Dewey ; 1859-1952) संयुक्त राज्य अमेरिका के शिक्षाशास्त्री, दार्शनिक एवं मनोवैज्ञानिक थे।
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जॉन डुई का जन्म संयुक्त राष्ट्र अमरीका के बर्लिंगटन नगर में हुआ था। बर्माट प्रदेश अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिये प्रसिद्ध है। अत: डुई के जीवन पर नैसर्गिक वातावरण का पर्याप्त प्रभाव पड़ा और उसकी अभिरूचि दर्शनशास्त्र में हुई। उच्च शिक्षा प्राप्त करने के पश्चात् डुई ने अध्यापन कार्य मिनेसोटा विश्वविद्यालय में 1888-89 तक, मिशीगन विश्वविद्यालय में 1889 से 94 तक तथा शिकागो विश्वविद्यालय में 1894 से 1904 तक किया। शिकागो विश्वविद्यालय में दर्शनशास्त्र का अध्यापन करते हुए डुई ने शिक्षाशास्त्र के अध्यापन में भी रुचि ली। शिकागो में डुई ने शिक्षा संबंधी अनेक प्रयोग किए और कालांतर में उसने ऐसी शैक्षिक विचारधारा को जन्म दिया जो प्रोगेसिव मानी गई। डुई की पुस्तक द स्कूल ऐंड सोसाइटी (1899)अत्यंत लोकप्रिय हुई। इस ग्रंथ के माध्यम से डुई के प्रगतिशील शैक्षिक विचारों का प्रचार हुआ।
शिकागो विश्वविद्यालय से डुई कोलंबिया विश्वविद्यालय में आ गया। इस विश्वविद्यालय में डुई ने शिक्षा के दार्शनिक आधारों की विशद व्याख्या की और इसके फलस्वरूप उसका शिक्षादर्शन संबंधी ग्रंथ डिमौक्रेसी ऐंड एज्युकेशन (1916) में प्रकाशित हुआ। शिक्षाशास्त्रीयों का मत है कि डिमोक्रेसी ऐंड एज्युकेशन डुई का सर्वश्रेष्ठ ग्रंथ है। डुर्न ने शिक्षा के क्षेत्र सार्वजनिक विद्यालयों की सुव्यवस्था पर अत्यधिक बल दिया क्योंकि इनके माध्यम से ही सामाजिक प्रगति संभव है। डुई के अनुसार आदर्श विद्यालय समाज का लघु रूप प्रस्तुत करता है। जहाँ तक शिक्षा के उद्देश्य का संबंध है, डुई इस मत का था कि शिक्षा का उद्देश्य लोगों में सामाजिक कुशलता का विकास करना होना चाहिए। उसने क्रिया द्वारा शिक्षा पर भी बल दिया। वास्तव में प्रगतिशील शिक्षा क्रियात्मक है। इसके अतिरिक्त डुई ने खेल, रचना, प्रकृतिसाहचर्य तथा भावाभिव्यक्ति को भी शिक्षा का साधन माना। संक्षेप में, डुई शिक्षा को सामाजिक प्रगति का साधन मानता है। उसके अनुसार शिक्षा का व्यावहारिक होना अत्यंत आवश्यक है। आधुनिक शिक्षा से प्रयोगवादी प्रवृत्ति का विकास करने में डुई का महत्वपूर्ण स्थान रहा है।
IMPORTANT POINT:- Focus on progressive education.
Gave importance to trial and intrest.
The school & society (book). & Democracy and education..
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मामा नाचे नीति ला नीति सेवा टिंबर टिंबर प्रकार प्रकार से नीति मंत्र