जिन्हें मिलकर देखना अत्यंत उपयोगी हो सकता है उक्त कथन के आधार पर रोमन इतिहास को सूत्र सामग्री का वर्णन कीजिए
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रोमन साम्राज्य (27 ई.पू. –- 476 (पश्चिम); 1453 (पूर्व)) यूरोप के रोम नगर में केन्द्रित एक साम्राज्य था। इस साम्राज्य का विस्तार पूरे दक्षिणी यूरोप के अलावा उत्तरी अफ्रीका और अनातोलिया के क्षेत्र थे। फारसी साम्राज्य इसका प्रतिद्वंदी था जो फ़ुरात नदी के पूर्व में स्थित था। रोमन साम्राज्य में अलग-अलग स्थानों पर लातिनी और यूनानी भाषाएँ बोली जाती थी और सन् १३० में इसने ईसाई धर्म को राजधर्म घोषित कर दिया था।
यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।
यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।साम्राज्य निर्माण
यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।साम्राज्य निर्माणरोमन साम्राज्य रोमन गणतंत्र का परवर्ती था। ऑक्टेवियन ने जूलियस सीज़र के सभी संतानों को मार दिया तथा इसके अलावा उसने मार्क एन्टोनी को भी हराया जिसके बाद मार्क ने खुदकुशी कर ली। इसके बाद ऑक्टेवियन को रोमन सीनेट ने ऑगस्टस का नाम दिया। वह ऑगस्टस सीज़र के नाम से सत्तारूढ़ हुआ। इसके बाद सीज़र नाम एक पारिवारिक उपनाम से बढ़कर एक पदवी स्वरूप नाम बन गया। इससे निकले शब्द ज़ार (रूस में) और कैज़र (जर्मन और तुर्क) आज भी विद्यमान हैं।
यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।साम्राज्य निर्माणरोमन साम्राज्य रोमन गणतंत्र का परवर्ती था। ऑक्टेवियन ने जूलियस सीज़र के सभी संतानों को मार दिया तथा इसके अलावा उसने मार्क एन्टोनी को भी हराया जिसके बाद मार्क ने खुदकुशी कर ली। इसके बाद ऑक्टेवियन को रोमन सीनेट ने ऑगस्टस का नाम दिया। वह ऑगस्टस सीज़र के नाम से सत्तारूढ़ हुआ। इसके बाद सीज़र नाम एक पारिवारिक उपनाम से बढ़कर एक पदवी स्वरूप नाम बन गया। इससे निकले शब्द ज़ार (रूस में) और कैज़र (जर्मन और तुर्क) आज भी विद्यमान हैं।गृहयुद्धों के कारण रामन प्रातों (लीजन) की संख्या 50 से घटकर 28 तक आ गई थी। जिस प्रांत की वफ़ादारी पर शक था उन्हें साम्राज्य से सीधे निकाल दिया गया। डैन्यूब और एल्बे नदी पर अपनी सीमा को तय करने के लिए ऑक्टेवियन (ऑगस्टस) ने इल्लीरिया, मोएसिया, पैन्नोनिया और जर्मेनिया पर चढ़ाई के आदेश दिए। उसके प्रयासों से राइन और डैन्यूब नदियाँ उत्तर में उसके साम्राज्यों की सीमा बन गईं।
यह विश्व के सबसे विशाल साम्राज्यों में से एक था। यूँ तो पाँचवी सदी के अन्त तक इस साम्राज्य का पतन हो गया था और इस्तांबुल (कॉन्स्टेन्टिनोपल) इसके पूर्वी शाखा की राजधानी बन गई थी पर सन् १४५३ में उस्मानों (ऑटोमन तुर्क) ने इसपर भी अधिकार कर लिया था। यह यूरोप के इतिहास और संस्कृति का एक महत्वपूर्ण अंग है।साम्राज्य निर्माणरोमन साम्राज्य रोमन गणतंत्र का परवर्ती था। ऑक्टेवियन ने जूलियस सीज़र के सभी संतानों को मार दिया तथा इसके अलावा उसने मार्क एन्टोनी को भी हराया जिसके बाद मार्क ने खुदकुशी कर ली। इसके बाद ऑक्टेवियन को रोमन सीनेट ने ऑगस्टस का नाम दिया। वह ऑगस्टस सीज़र के नाम से सत्तारूढ़ हुआ। इसके बाद सीज़र नाम एक पारिवारिक उपनाम से बढ़कर एक पदवी स्वरूप नाम बन गया। इससे निकले शब्द ज़ार (रूस में) और कैज़र (जर्मन और तुर्क) आज भी विद्यमान हैं।गृहयुद्धों के कारण रामन प्रातों (लीजन) की संख्या 50 से घटकर 28 तक आ गई थी। जिस प्रांत की वफ़ादारी पर शक था उन्हें साम्राज्य से सीधे निकाल दिया गया। डैन्यूब और एल्बे नदी पर अपनी सीमा को तय करने के लिए ऑक्टेवियन (ऑगस्टस) ने इल्लीरिया, मोएसिया, पैन्नोनिया और जर्मेनिया पर चढ़ाई के आदेश दिए। उसके प्रयासों से राइन और डैन्यूब नदियाँ उत्तर में उसके साम्राज्यों की सीमा बन गईं।ऑगस्टस के बाद टाइबेरियस सत्तारूढ़ हुआ। वह जूलियस की तीसरी पत्नी की पहली शादी से हुआ पुत्र था। उसका शासन शांतिपूर्ण रहा। इसके बाद कैलिगुला आया जिसकी सन् 41 में हत्या कर दी गई। परिवार का एक मात्र वारिस क्लाउडियस शासक बना। सन् 43 में उसने ब्रिटेन (दक्षिणार्ध) को रोमन उपनिवेश बना दिया। इसके बाद नीरो का शासन आया जिसने सन 58-63 के बीच पार्थियनों (फारसी साम्राज्य) के साथ सफलता पूर्वक शांति समझौता कर लिया।
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