जिन्होंने कर लिया स्वीकार, पश्चात्ताप में जलना
सुलगते आप, बाहर से, अगन माँगा नहीं करते । भावार्थ
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उड़ान इस कविता द्वारा कवि ने कई मानवीय गुणों की प्रेरणा दी है। स्वाभिमान, विनम्रता, हौसला, दूरदृष्टि, परोपकार, ऊँचें लक्ष्य, अपनी गलती पर पश्चाताप करना आदि ऐसे गुण गुण हैं, जो किसी भी व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास में सहायक होते हैं। स्वाभिमान जहाँ व्यक्ति में आत्मविश्वास लाता है तो अपनी गलती पर पछतावा करने से आप अपनी की गई गलतियों में सुधार कर पाते हो। वही विनम्रता हमेशा ही आदर पाती है। जितना हमारा हौसला बुलंद होगा उतने ही लक्ष्य को हम प्राप्त कर पाएँगे। इस प्रकार से यह कविता मानवीय गुणों को अपनाकर अपना व्यक्तित्व विकास का संदेश देती है।
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