जैन की देन के अंत में लेखक क्या निष्कर्ष निकलता है
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don't know sorry man
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not know
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‘झेन की देन’ पाठ के माध्यम से लेखक ‘रविंद्र केलेकर’ एक संदेश देना चाहता है। लेखक यह कहना चाहता है कि वर्तमान ही एक मात्र सत्य होता है। भूत व भविष्य दोनों एक भ्रम के समान हैं, क्योंकि भूत वो है, जो बीत गया है, भविष्य तो अभी आया ही नहीं है, इसलिए इन दोनों काल पर हमारा कोई वश नहीं। हमें केवल वर्तमान में जीना चाहिए क्योंकि वर्तमान पर हमारा वश है।
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