Hindi, asked by ankitad29657, 15 hours ago

जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!
(क) कवि किस पर क्या उड़ेलता है, जो पुनः भर-भर आता है ?​

Answers

Answered by panchalnarender72
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Answer:

कवि कहता है की वह सभी लोगो को जितना भी स्नेह बांटता है, वह फिर से दोबारा से उसके हृदय मे आ जाता है

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