जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!
(क) कवि किस पर क्या उड़ेलता है, जो पुनः भर-भर आता है ?
Answers
Answered by
2
Answer:
कवि कहता है की वह सभी लोगो को जितना भी स्नेह बांटता है, वह फिर से दोबारा से उसके हृदय मे आ जाता है
Similar questions
Science,
1 month ago
Hindi,
3 months ago
Social Sciences,
3 months ago
Math,
10 months ago
Physics,
10 months ago