Hindi, asked by ankitad29657, 14 hours ago

जाने क्या रिश्ता है, जाने क्या नाता है
जितना भी उँडेलता हूँ, भर-भर फिर आता है
दिल में क्या झरना है?
मीठे पानी का सोता है
भीतर वह, ऊपर तुम
मुसकाता चाँद ज्यों धरती पर रात-भर
मुझ पर त्यों तुम्हारा ही खिलता वह चेहरा है!
(क) कवि किस पर क्या उड़ेलता है, जो पुनः भर-भर आता है?
(ख) कवि ने दिल की तुलना किससे की है, और क्यों​

Answers

Answered by BLACK00000
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(क) कवि अपनी माँ पर प्रेम उड़ेलता हैं।

(ख) कवि अपने दिल की तुलना मीठे पानी के झरने से करता है। वह इसमें से जितना भी प्रेम बाहर ऊँड़ेलता है, उतना ही यह फिर भर जाता है।

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