History, asked by riya6thakur, 10 months ago

जॉन मार्शल कौन थे उनका भारतीय इतिहास में क्या योगदान रहा स्पष्ट करें​

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Answered by neerajnirj98
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Answer:

सर जॉन हुबर्ट मार्शल (अंग्रेज़ी: Sir John Hubert Marshall, जन्म- 19 मार्च, 1876; मृत्यु- 17 अगस्त, 1958) प्रसिद्ध पुरातत्त्वशास्त्री थे। वह 1902 से 1928 तक भारतीय पुरातत्त्व सर्वेक्षण विभाग के महानिदेशक थे।

हड़प्पा का प्रथम पुरातात्विक उत्खनन 1921 ई. में किया गया था। प्रथम उत्खनन का कार्य पुरातात्विक विभाग के निर्देशक जॉन मार्शल के नेतृत्व में दयाराम साहनी के द्वारा किया गया।

हड़प्पा और मोहनजोदड़ो पर सर जॉन मार्शल की किताब 1931 में दो खण्डों में प्रकाशित हुई थी, तब जवाहरलाल नेहरूदेहरादून जेल में थे। उन दिनों वह अपनी बेटी इंदिरा के नाम दुनिया के इतिहास पर केंद्रित चिट्ठियाँ एक सिलसिले में लिख रहे थे, जिसका संकलित रूप ‘ग्लिम्सेस ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री’ के रूप में बाद में प्रकाशित हुआ। 14 जून, 1932 को जवाहरलाल नेहरू ने एक पत्र लिखा, जिसका शीर्षक था- ‘अ जम्प बैक टू मोहनजोदड़ो’। उन्होंने तब तक जॉन मार्शल की किताब नहीं पढ़ी थी, उसकी समीक्षा ही पढ़ी थी, लेकिन इतना ही पढ़ कर वह ऐसे और इतने अभिभूत हुए कि यकायक पीछे मुड़ कर देखने के लिए मजबूर हो गए। पत्र में जवाहरलाल नेहरू उत्साह से इतने भरे हुए थे कि हड़प्पा जाने की योजना ही बना ली।[1]

Answered by marishthangaraj
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जॉन मार्शल:

  • 1902 से 1928 के बीच, सर जॉन ह्यूबर्ट मार्शल (19 मार्च 1876 चेस्टर - 17 अगस्त 1958 गिल्डफोर्ड) ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक के रूप में कार्य किया। वह उन उत्खननों का प्रभारी था जिनसे हड़प्पा और मोहनजो की खोज हुई।
  • डारो के मार्शल ने अपनी विश्वविद्यालय की शिक्षा के लिए डुलविच कॉलेज और किंग्स कॉलेज, कैम्ब्रिज में भाग लिया।
  • 1898 से 1901 तक उन्होंने एथेंस के ब्रिटिश स्कूल में अध्ययन किया और वहां खुदाई में भाग लिया।
  • 25 साल की उम्र में, उन्हें 1902 में भारत में पुरातत्व का महानिदेशक नामित किया गया था।
  • प्रारंभ में, वह लंबे समय से परित्यक्त और जीर्ण संरचना को बहाल करने के लिए निकल पड़े।

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