जिन शब्दों के रूप में लिंग, वचन, काल, कारक आदि के कारण कोई परिवर्तन नहीं होता है
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जिन शब्दों में लिंग, वचन, कारक, काल का आधि की दृष्टि से कोई परिवर्तन नहीं होता, उन्हें ‘अविकारी शब्द’ कहते हैं।
अविकारी शब्दों को अव्यय शब्द भी कहा जाता है, क्योंंकि ये शब्द विकृत नही होते। इन शब्दों पर लिंग, वचन, कारक, काल आदि की दृष्टि इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता।
अविकारी शब्दों के चार भेद होते हैं...
- क्रियाविशेषण
- संबंध बोधक
- समुच्चयबोधक
- विस्मयादिबोधक
क्रिया विशेषण शब्दों के माध्यम से किसी क्रिया की विशेषता का पता चलता है। जैसे रमेश धीरे-धीरे खाना खा रहा है। यहाँ पर धीरे-धीरे एक क्रिया विशेषण है, जो एक क्रिया की विशेषता बता रहा है।
संबंधबोधक शब्द वे शब्द होते हैं जो वाक्य में प्रयुक्त संज्ञा या सर्वनाम शब्द का वाक्य शब्दों से संबंध स्थापित करते हैं। जैसे के सामने, के ऊपर, नीचे, आगे पीछे।
समुच्चयबोधक शब्द होते हैं, जो वाक्यों में किसी समूह यानी समुच्चय का बोध कराते हैं। जैसे लेकिन, किंतु, परंतु, आदि।
विस्मयादिबोधक शब्द शब्द होते हैं जो वाक्य में आश्चर्य, अचरज, हर्ष, विषाद आदि भावों को व्यक्त करते हैं।
Explanation:
jo isne bola vo hi h answer