जैन धर्म के लोकप्रिय ना होते के क्या कारण थे
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जैन धर्म घोर तपस्या के जीवन पर अधिक बल देता था. इस धर्म में तपस्या करते-करते सूखकर कांटा हो जाना, कई दिनों तक अन्न और जल का ग्रहण न करना, तपस्या करते-करते प्राण त्याग देना अच्छा समझा जाता था. यह सब सर्वसाधारण लोग नहीं कर सकते थे. इसलिए घोर तपस्या के सिद्धांत ने जैन धर्म को अधिक लोकप्रिय नहीं होने दिया.
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