जैन धर्म के पांच उद्देश्य बताइए?
please answer me fast if you know...thank you
monika3281:
hii
Answers
Answered by
4
Explanation:
∆. जीव- जैन दर्शन में आत्मा के लिए "जीव" शब्द का प्रयोग किया गया हैं। ...
∆ अजीव- जड़ या की अचेतन द्रव्य को अजीव (पुद्गल) कहा जाता है।
∆ आस्रव - पुद्गल कर्मों का आस्रव करना
∆ बन्ध- आत्मा से कर्म बन्धना
∆ संवर- कर्म बन्ध को रोकना
∆ निर्जरा- कर्मों को क्षय करना
∆ मोक्ष - जीवन व मरण के चक्र से मुक्ति को मोक्ष कहते हैं।
Answered by
1
- अहिंसा
- सत्य
- शांती
- सेवा
- मोक्ष
Similar questions