History, asked by chintukumarshk123, 6 months ago

जैन धर्म के त्रिरत्न क्या थे?​

Answers

Answered by pg188785
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Explanation:

=> त्रिरत्न एक संस्कृत शब्द है, जिसका शाब्दिक अर्थ है- तीन रत्न।

पालि भाषा में इसे ति-रतन लिखा जाता है। इसे त्रिद्द या त्रिगुण शरण भी करते हैं, जो बौद्ध धर्म एवं जैन धर्म के तीन घटक हैं।

जैन धर्म के त्रिरत्न – सम्यक ज्ञान , सम्यक दर्शन , सम्यक आचरण।

=> सम्यक ज्ञान – सत्य तथा असत्य का ज्ञान ही सम्यक ज्ञान है।

=> सम्यक दर्शन – यथार्थ ज्ञान के पर्ति श्रद्धा ही सम्यक दर्शन है।

=> सम्यक चरित्र (आचरण) – अहितकर कार्यों का निषेध तथा हितकारी कार्यों का आचरण ही सम्यक चरित्र है ।....

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