Hindi, asked by raj3668, 1 year ago

जानलेवा महंगाई पर निबंध

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Answered by nispruhi
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आज सारा देश महँगाई की समस्या से पीड़ित है । जिससे पूछिए वही कहता है कि महँगाई से हम बहुत दु:खी है, गुजारा नहीं होता है । चाहे कितना ही धन कमाकर लाएँ तब भी दिन नहीं कटते हैं । स्वतन्त्रता के पश्चात् प्रतिवर्ष महँगाई बढ़ती गई है और अब तो देश में महँगाई से हाहाकार मचा हुआ है ।

अब प्रश्न यह है कि महँगाई क्यों बढ़ती है ? इसके क्या-क्या मूल कारण है ? महँगाई के लिए सबसे प्रबल कारण युद्ध होते हैं । जब दो देशों में युद्ध छिड़ जाता है तब चीजों की आवश्यकता सैनिकों के लिए बढ़ जाती है । सरकार माल खरीदना आरम्भ कर देती है । ऐसी दशा में चीजों के दाम बढ़ जाते हैं ।

यातायात के साधनों की कमी के कारण भी चीजों की महँगाई हो जाती है । कई बार रेलें ठीक समय पर कोयला नहीं पहुँचाती तो नगरों में कोयले का मूल्य बढ़ जाता है । अनाज और वस्त्रों की भी यही स्थिति हो जाती है ।

हड़तालों से भी चीजों के मूल्य बढ़ जाते हैं । महँगाई बढ़ाने के लिए बड़े-बड़े पूँजीपति व्यापारी भी उत्तरदायी होते हैं । क्योंकि ये लोग अनेक प्रकार के पदार्थों का संग्रह कर लेते हैं । इसके बाद माल को बाहर बाजार में लाते ही नहीं है । इससे छोटे-छोटे व्यापारियों को माल मिलना बन्द हो जाता है ।

ऐसी दशा में बाजार में कीमतें चढ़ने लगती हैं । लोग तंग आ जाते हैं । चोरबाजारी और कालाबाजारी का रंग खूब जमने लगता है । सब ओर बेईमान व्यापारी चोरबाजारी से अपना हाथ रंगते हैं । धनी और धनी बन जाते हैं और गरीब जनता भूख से पीड़ित होकर मरती है, बढ़ती हुई महँगाई से पिसती है ।

महँगाई कभी-कभी वस्तुओं के उत्पादन न होने से भी बढ़ जाती है । क्योंकि कच्चा माल नहीं मिलता । ऐसी दशा में साधारण लोगों को दैनिक प्रयोग की साधारण चीजें भी महँगी मिलती हैं । आजकल देश में ऐसी ही दशा है । सरकार महँगाई भत्ता बढ़ाती हैं । व्यापारी कीमतें बढ़ा देते हैं । अब तो तीन बार सरकार रुपये की कीमत भी गिरा चुकी है, तब भी महँगाई कम नहीं हुई है ।

चीजों के दाम पूँजीपति व्यापारी कम ही नहीं होने देते हैं । संभवत: उनकी आँखों के सामने देश की अपेक्षा धन अधिक प्रिय है । पदार्थों के वितरण की व्यवस्था के दोष पूर्ण होने से भी देश में महँगाई बढ़ जाती

है । वस्तुओं के अधिक उपयोग से भी उनका मूल्य बढ़ जाता है और वितरण व्यवस्था बिगड़ जाती है, क्योंकि कई पदार्थों का उपयोग अधिक होता है और उत्पादन कम ।

वनस्पति घी और गाय-भैंस के घी की कीमतें इसीलिए बढ़ती जा रही हैं कि दूध की मूल्य वृद्धि हो जाती है । महँगाई के बढ़ने के प्रमुख कारण हमारे सामने आते हैं, सरकार की प्रत्येक योजना पर पर्याप्त व्यय हो रहा है, भ्रष्ट लोग मध्य में आकर सरकार के धन को हड़प जाते हैं और गरीब लोगों का पैसा मार लेते हैं ।

जनसंख्या वृद्धि के कारण भी महँगाई की समस्या ज्यादा उत्पन्न होती है । क्योंकि कमरतोड़ महँगाई के कारण मजदूर वेतन की माँग करते हैं । व्यापारी लोग दर प्रतिदर कीमतें बढ़ाते रहते हैं और फिर इसको देखकर सरकार भी अपनी दर बढ़ा देती है, बनावटी कमी, व्यापारी वर्ग की मुनाफाखोरी तथा जमाखोरी की प्रवृति भ्रष्टाचारी आदि सब इसके प्रमुख कारण हैं ।

जनता को चाहिए कि उसे जिन वस्तुओं की कीमतें बढ़ती हुई लगे, उन्हें खरीदे ही नहीं । जब खरीद कम होगी तो जमाखोर व्यापारी अपने आप ही चीजों की कीमत करेंगे । आवश्यकताओं को कम कर देने से वस्तुओं की कीमतें स्वत: ही कम हो जाती है ।

सरकार को चाहिए कि दैनिक आवश्यकता वाली वस्तुओं की कीमतें कमी बढ़ने न दे और न ही इन वस्तुओं का उत्पादन ऐसे लोगों के हाथों में जाने दे, जिन्होंने कीमतें बढ़ाने की शपथ रखा रखी हो । तब ही देश में महँगाई कम हो सकती है और जनता को सुख की साँस लेने की अवसर आ सकता है । जब तक ऐसा नहीं होगा, महँगाई बढ़ती रहेगी और जनता दु:खी होकर विद्रोह करने के लिए तैयार हो जाएगी ।

Answered by siddhi7673
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जानलेवा महगाइं पर नी बंध

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