ज्ञानी है तो स्वयं को जान’ पंक्ति का भाव स्पष्ट कीजिए ।
Answers
Answered by
50
Answer:
यहाँ कवयित्री ने ज्ञानी से अभिप्राय उस ज्ञान को लिया है जो आत्मा व परमात्मा के सम्बन्ध को जान सके ना कि उस ज्ञान से जो हम शिक्षा द्वारा अर्जित करते हैं। कवयित्री के अनुसार भगवान कण-कण में व्याप्त हैं पर हम उसको धर्मों में विभाजित कर मंदिरों व मस्जिदों में ढूँढते हैं।
Explanation:
hope i will help you
Answered by
9
ish pankti ka bhav h ki gyan vo sagar h jo insan ko nai pechan deta h agar aap k pass gyan k toh khud ko jano khud ko samjo insan jab khud ko samajane lg jata h
Similar questions