ज्ञान की खोज में गौतम बुद्ध सर्वप्रथम किस तपस्वी से मिले ?
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Answer:
He first went to Rajgriha Rajgaha or Rajgir. He started begging alms over there and living life of an ascetic.
Answer:
बौद्ध ग्रंथों के अनुसार गौतम बुद्ध के जन्म से 12 वर्ष पूर्व ही एक ऋषि ने भविष्यवाणी की थी
Explanation:
सिद्धार्थ ने अपने प्रश्नों के उत्तर ढूंढने शुरू किए। समुचित ध्यान लगा पाने के बाद भी उन्हें इन प्रश्नों के उत्तर नहीं मिले फिर उन्होंने तपस्या भी की लेकिन अपने प्रश्नों के उत्तर नहीं मिले। इसके बाद कुछ और साथियों के साथ अधिक कठोर तपस्या प्रारंभ की। ऐसे करते हुए छः वर्ष व्यतीत हो गए। भूख से व्याकुल मृत्यु के निकट पहुंचकर बिना प्रश्नों के उत्तर पाए वह कुछ और करने के बारे में विचार करने लगे थे। एक गांव में भोजन की तलाश में निकल गए फिर वहां थोड़ा सा भोजन गृहण किया। इसके बाद वह कठोर तपस्या छोड़कर एक पीपल के पेड़ (जो अब बोधिवृक्ष के नाम से जाना जाता है) के नीचे प्रतिज्ञा करके बैठ गए कि वह सत्य जाने बिना उठेंगे नहीं। वह सारी रात बैठे रहे और माना जाता है यही वह क्षण था जब सुबह के समय उन्हें पूर्ण ज्ञान की प्राप्ति हुई थी। उनकी अविजया नष्ट हो गई और उन्हें निर्वन यानि बोधि प्राप्त हुई और वे 35 वर्ष की आयु में बुद्ध बन गए।
बुद्ध को शाक्यमुनि के रूप में भी जाना जाता है। सात हफ्तों तक उन्होंने मुक्ति की स्वतंत्रता और शांति का आनंद लिया। प्रारंभ में तो वह अपने बोधि के बारे में दूसरों को ज्ञान नहीं देना चाहते थे। बुद्ध का मानना था कि अधिकांश लोगों को समझाना बहुत मुश्किल होगा। मान्यता है कि बुद्ध को स्वयं ब्रह्माजी ने अपने ज्ञान को लोगों तक पहुंचने का आग्रह किया था फिर वह इस पर सहमत हो गए। इस तरह उन्होंने अपना पहला धर्मोपदेश उत्तर प्रदेश के वाराणसी के पास सारनाथ में अपने पहले मित्रों को दिया था।